पंडित श्याम दास मिश्रा
देशभक्ति गीत
{1} मिल के आओ देश को संवार दें
हम आदमी है आदमी को प्यार दें
{2} आदमी ही तो खुदा का नूर है
फिर आदमी क्यों आदमी से दूर है
किसलिए है घृणा देश का चलन
किसलिए है भेदभाव और जलन
फ़र्ज से जो दूर आज जा रहे
उनको आज प्यार से पुकार लें
मिल के आओ देश ....................
{3} वक़्त कह रहा है एक हम बने
मेहरबा करीम नेक हम बने
जिन्दगी मिली की फ़र्ज पे चले
बदगुमानियों से हम सदा टलें
जो बिछा रहें है पथ में शूल अब
उनकी हरकतों को हम नकार दें
मिल के आओ देश .................
{4} वक़्त की पुकार पे रुके नहीं
मुश्किलों में जो कभी झुके
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