ठुमरी (मिश्र भैरवी)
हमरी अटरिया पे आओ सांवरिया
देखा देखी बलम होई जाए
निशदिन मैं करूँ तेरी पूजा,
नैनो में नहीं आये कोई दुजा,
मानो कसम कसम अगर झूठ बोलें हम
चढ़ती जवानी भसम होई जाए।
हम तुम भोले सैंया, जग है जुल्मी
प्रीत को पाप कहते अधर्मी,
जग से ना कहियो, ये बाता आपस की,
जग सुनिहे तो जुलम होई जाए।
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