प्रयाण गीत
(1) बैठो मत हार के छोड़ो सब गम
काम बहुत करना है जिंदगी है कम |
(2) तुम चलो तो साथ में (जहान चल पड़े) X 2
धरती चल पड़े ओ (आसमान चल पड़े) X 2
तुम रुको तो वक़्त की भी चाल जाए थम |
काम बहुत .................................
(3) हीनता,मलीनता, (प्रमाद त्याग दो ) X 2
फिर से तुम आलाप (आज श्रम का राग दो) X 2
जिसको सुन के उठ खड़े हो देश के कदम |
काम बहुत .................................
(4) कर्म,साधना, लगन के (तुम प्रतीक हो) X 2
जो सभी को दे प्रकाश (तुम वो दीप हो) X 2
बढे चलो है तुमको मातृभूमि की कसम |
काम बहुत ...................................
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