जमीं भी चले आसमां भी चले -2
जहां हम चले हिंदुस्तान भी चले -2
ये वादियाँ , हिमालय और बाँसुरी की धुन -2
धड़कती फ़िजाओं को चुपके चुपके सुन -2
थामे हाथ जन्नत का पासवां चले -2
जहां हम चले हिंदुस्तान भी चले -2
जमीं भी चले ................
सर जमीं ऐ हिन्द तेरी आन है बड़ी -2
आन है बड़ी तेरी शान है बड़ी -2
आँचल में तेरे सबके अरमां पले-2
जहां हम चले हिंदुस्तान भी चले -2
जमीं भी चले ................
किरणों में तेरी वही है रूबरू -2
संत और फ़कीर को है जिसकी आरजू-2
गंगा, यमुना की शीरी मिठास भी घुले -2
जहां हम चले हिंदुस्तान भी चले -2
जमीं भी चले ................
संकलन :::::: अरुणा कुमारी
Thanks mam.
ReplyDeleteName-Ashutosh Kumar Mishra
Class-viii
Sec-B